अलीना इतरत कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अलीना इतरत
नाम | अलीना इतरत |
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अंग्रेज़ी नाम | Aleena Itrat |
जन्म स्थान | Noida |
मौसम-ए-गुल पर ख़िज़ाँ का ज़ोर चल जाता है क्यूँ
कुछ कड़े टकराओ दे जाती है अक्सर रौशनी
किसी के वास्ते तस्वीर-ए-इंतिज़ार थे हम
हम हवा से बचा रहे थे जिन्हें
ब'अद मुद्दत मुझे नींद आई बड़े चैन की नींद
अँधेरी शब का ये ख़्वाब-मंज़र मुझे उजालों से भर रहा है
अजब सी कशमकश तमाम उम्र साथ साथ थी
अभी तो चाक पे जारी है रक़्स मिट्टी का
शाम की पुरवाई
नज़्म तकमील
मुझे तो इंतिज़ार-ए-इश्क़ में ही लुत्फ़ आता है
आज फिर
ज़िंदा रहने की ये तरकीब निकाली मैं ने
ये किस मुहिम पर चले थे हम जिस में रास्ते पुर-ख़तर न आए
सारे मौसम बदल गए शायद
पुकारते पुकारते सदा ही और हो गई
मौसम-ए-गुल पर ख़िज़ाँ का ज़ोर चल जाता है क्यूँ
ख़िज़ाँ की ज़र्द सी रंगत बदल भी सकती है
जुनूँ में दामन-ए-दिल गरचे तार तार हुआ
बगूला बन के नाचता हुआ ये तन गुज़र गया
अजनबी सा इक सितारा हूँ मैं सय्यारों के बीच