Heart Broken Poetry of Aleem Usmani

Heart Broken Poetry of Aleem Usmani
नामअलीम उस्मानी
अंग्रेज़ी नामAleem Usmani
जन्म की तारीख1931
मौत की तिथि2012
जन्म स्थानBarabanki

वो अर्ज़-ए-ग़म पे मश्वरा-ए-इख़्तिसार दे

वक़्त-ए-आख़िर जो बालीं पर आजाइयो

तिरे चाँद जैसे रुख़ पर ये निशान-ए-दर्द क्यूँ हैं

मौत आई है ज़माने की तो मर जाने दो

मैं उन को कभी हद से गुज़रने नहीं दूँगा

गर्दिश-ए-मय का इस पर न होगा असर मस्त आँखों का जादू जिसे याद है

देती हैं थपकियाँ तिरी परछाइयाँ मुझे

चराग़ शाम से आख़िर जलाएँ किस के लिए

बादा-ख़ाने की रिवायत को निभाना चाहिए

अब जाम निगाहों के नशा क्यूँ नहीं देते

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