अफ़्साना मोहब्बत का पूरा हो तो कैसे हो
अफ़्साना मोहब्बत का पूरा हो तो कैसे हो
कुछ है दिल-ए-क़ातिल तक कुछ है दिल-ए-बिस्मिल तक
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अफ़्साना मोहब्बत का पूरा हो तो कैसे हो
कुछ है दिल-ए-क़ातिल तक कुछ है दिल-ए-बिस्मिल तक
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