Hope Poetry of Alam Khursheed
नाम | आलम ख़ुर्शीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Alam Khursheed |
जन्म की तारीख | 1959 |
जन्म स्थान | Patna |
याद करते हो मुझे सूरज निकल जाने के बा'द
तुम जिस को ढूँडते हो ये महफ़िल नहीं है वो
थपक थपक के जिन्हें हम सुलाते रहते हैं
सियाह रात के बदन पे दाग़ बन के रह गए
मिरे हिसार से बाहर बुला रहा है मुझे
मैं जिस जगह भी रहूँगा वहीं पे आएगा
क्यूँ आँखें बंद कर के रस्ते में चल रहा हूँ
कभी कभी कितना नुक़सान उठाना पड़ता है
जब तक खुली नहीं थी असरार लग रही थी
जाना तो बहुत दूर है महताब से आगे