Khawab Poetry of Alam Khursheed
नाम | आलम ख़ुर्शीद |
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अंग्रेज़ी नाम | Alam Khursheed |
जन्म की तारीख | 1959 |
जन्म स्थान | Patna |
मैं ने बचपन में अधूरा ख़्वाब देखा था कोई
याद करते हो मुझे सूरज निकल जाने के बा'द
थपक थपक के जिन्हें हम सुलाते रहते हैं
तिरे ख़याल को ज़ंजीर करता रहता हूँ
तह-ब-तह है राज़ कोई आब की तहवील में
मैं जिधर जाऊँ मिरा ख़्वाब नज़र आता है
जाना तो बहुत दूर है महताब से आगे
हर घर में कोई तह-ख़ाना होता है
बस एक तिरे ख़्वाब से इंकार नहीं है