Khawab Poetry of Akram Naqqash
नाम | अकरम नक़्क़ाश |
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अंग्रेज़ी नाम | Akram Naqqash |
जन्म स्थान | Gulbarga |
रख्खूँ कहाँ पे पाँव बढ़ाऊँ किधर क़दम
बार-हा तू ने ख़्वाब दिखलाए
अंधा सफ़र है ज़ीस्त किसे छोड़ दे कहाँ
टूटी हुई शबीह की तस्ख़ीर क्या करें
मैं नहीं हूँ नहीं कहीं भी नहीं
कुछ फ़ासला नहीं है अदू और शिकस्त में
गहरी सूनी राह और तन्हा सा मैं
ब-रंग-ए-ख़्वाब मैं बिखरा रहूँगा
ऐ अब्र-ए-इल्तिफ़ात तिरा ए'तिबार फिर