Ghazals of Akmal Imaam
नाम | अकमल इमाम |
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अंग्रेज़ी नाम | Akmal Imaam |
ज़िंदगी तेरे अजब ठोर-ठिकाने निकले
सिलसिले हादसों के ध्यान में रख
प्यार इश्क़ हमदर्दी और दोस्ती साज़िश
पड़ गई जैसे अक़्ल पर मिट्टी
कमान छोड़ गए बे-नज़ीर जितने थे
जब से क़िस्तों में बट गया हूँ मैं
हिज्र की शाम से ज़ख़्मों के दोशाले माँगूँ
गुज़रते दौड़ते लम्हे हिसाब में लिखिए