Khawab Poetry of Akhtar Raza Saleemi
नाम | अख़्तर रज़ा सलीमी |
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अंग्रेज़ी नाम | Akhtar Raza Saleemi |
जन्म की तारीख | 1974 |
जन्म स्थान | Islamabad |
तुम्हारे होने का शायद सुराग़ पाने लगे
ख़्वाब गलियों में फिर रहे थे और
हम आए रोज़ नया ख़्वाब देखते हैं मगर
वो भी क्या दिन थे क्या ज़माने थे
तुम्हारे होने का शायद सुराग़ पाने लगे
हमारे जिस्म अगर रौशनी में ढल जाएँ
फ़ुरात-ए-चश्म में इक आग सी लगाता हुआ
अंदेशे मुझे निगल रहे हैं