रह-ए-वफ़ा में लुटा कर मता-ए-क़ल्ब-ओ-जिगर
रह-ए-वफ़ा में लुटा कर मता-ए-क़ल्ब-ओ-जिगर
किया है तेरी मोहब्बत का हक़ अदा मैं ने
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रह-ए-वफ़ा में लुटा कर मता-ए-क़ल्ब-ओ-जिगर
किया है तेरी मोहब्बत का हक़ अदा मैं ने
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