तूफ़ाँ से क़र्या क़र्या एक हुए

तूफ़ाँ से क़र्या क़र्या एक हुए

फिर रेत से चेहरा चेहरा एक हुए

चाँद उभरते ही उजली किरनों से

ऊपर का कमरा कमरा एक हुए

अलमारी में तस्वीरें रखता हूँ

अब बचपन और बुढ़ापा एक हुए

उस की गली के मोड़ से गुज़रे क्या थे

सब राही रस्ता रस्ता एक हुए

दीवार गिरी तो अंदर सामने था

दरवाज़ा और दरीचा एक हुए

जब वो पौदों को पानी देता था

पस-मंज़र और नज़ारा एक हुए

कल आँख-मिचोली के खेल में 'अख़्तर'

मैं और पेड़ों का साया एक हुए

(755) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tufan Se Qarya Qarya Ek Hue In Hindi By Famous Poet Akhtar Hoshiyarpuri. Tufan Se Qarya Qarya Ek Hue is written by Akhtar Hoshiyarpuri. Complete Poem Tufan Se Qarya Qarya Ek Hue in Hindi by Akhtar Hoshiyarpuri. Download free Tufan Se Qarya Qarya Ek Hue Poem for Youth in PDF. Tufan Se Qarya Qarya Ek Hue is a Poem on Inspiration for young students. Share Tufan Se Qarya Qarya Ek Hue with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.