तेरे गीतों की लय अरे तौबा
ये तरब ये नशात और ये लोच
क्यूँ न दुनिया पिघल के बह जाए
इक ज़रा तू ही अपने दिल में सोच
Habib Jalib
Allama Iqbal
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Jaun Eliya
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Gulzar
Faiz Ahmad Faiz
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इस हाथ से जो कुछ मैं लिया करता हूँ
समझता हूँ मैं सब कुछ सिर्फ़ समझाना नहीं आता
सोते में कोई आह भरी तो होगी
हाँ कभी ख़्वाब-ए-इश्क़ देखा था
मिला के क़तरा-ए-शबनम में रंग ओ निकहत-ए-गुल
तक़दीर-ए-अज़ल आह तो भरती होगी
ख़ूँ-भरे जाम उंडेलता हूँ मैं
शबाब-ए-दर्द मिरी ज़िंदगी की सुब्ह सही
कोई मआल-ए-मोहब्बत मुझे बताओ नहीं
क्या ख़ाक करम है जो मुझे तू बख़्शे
ग़म-ए-हयात कहानी है क़िस्सा-ख़्वाँ हूँ मैं
लुत्फ़ ले ले के पिए हैं क़दह-ए-ग़म क्या क्या