Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_62167750b113b52b979393d0c2644154, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
चर्ख़ की सई-ए-जफ़ा कोशिश नाकारा है - अख़्तर अंसारी कविता - Darsaal

चर्ख़ की सई-ए-जफ़ा कोशिश नाकारा है

चर्ख़ की सई-ए-जफ़ा कोशिश नाकारा है

गर्दिश-ए-दहर यहाँ जुम्बिश-ए-गहवारा है

चाँद तारों के तलातुम से ये आता है ख़याल

दिल-ए-वहशी कोई तूफ़ाँ-ज़दा सय्यारा है

बह गए दीदा-ए-नम-नाक से दरिया लेकिन

दिल वही एक दहकता हुआ अँगारा है

दिल हुआ सोज़-ए-जहन्नम में गिरफ़्तार मगर

रूह अब भी किसी फ़िरदौस में आवारा है

कैसी तक़दीर की गर्दिश ग़म-ए-दिल को मैं ने

गर्दिश-ए-गुम्बद-ए-अफ़्लाक पे दे मारा है

मेरे शेरों से तार्रुज़ न कर ऐ नाक़िद-ए-फ़न

मेरी बर्बादी-ए-दिल ही मिरा शह-पारा है

बहजत-ए-फ़िक्र पे क़ादिर हूँ मैं जब तक 'अख़्तर'

मुझे सरमाया-ए-अंदोह बहुत प्यारा है

(719) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

CharKH Ki Sai-e-jafa Koshish Nakara Hai In Hindi By Famous Poet Akhtar Ansari. CharKH Ki Sai-e-jafa Koshish Nakara Hai is written by Akhtar Ansari. Complete Poem CharKH Ki Sai-e-jafa Koshish Nakara Hai in Hindi by Akhtar Ansari. Download free CharKH Ki Sai-e-jafa Koshish Nakara Hai Poem for Youth in PDF. CharKH Ki Sai-e-jafa Koshish Nakara Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share CharKH Ki Sai-e-jafa Koshish Nakara Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.