Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_f7acaf6ac9ee461e3590aff0a5253250, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
रहबर-ए-तब्ल-ओ-निशाँ और ज़रा तेज़ क़दम - अख़्तर अंसारी अकबराबादी कविता - Darsaal

रहबर-ए-तब्ल-ओ-निशाँ और ज़रा तेज़ क़दम

रहबर-ए-तब्ल-ओ-निशाँ और ज़रा तेज़ क़दम

हाँ मिरे अज़्म-ए-जवाँ और ज़रा तेज़ क़दम

इस अँधेरे से न घबरा कि ज़रा और आगे

है चराग़ाँ का समाँ और ज़रा तेज़ क़दम

कहीं मायूस न होना जो निगाहों से अभी

उन की महफ़िल है निहाँ और ज़रा तेज़ क़दम

ये यक़ीं है कि पहुँच जाएँगे उन तक इक दिन

चलिए बे-वहम-ओ-गुमाँ और ज़रा तेज़ क़दम

बुझ न जाएँ रह-ए-हस्ती में तमन्ना के चराग़

ख़्वाजा-ए-राह-रवाँ और ज़रा तेज़ क़दम

किस बुलंदी पे रवाँ तुम हो ज़मीं के ज़र्रो

हैं सितारे निगराँ और ज़रा तेज़ क़दम

मिल ही जाएगा कहीं शहर-ए-निगाराँ 'अख़्तर'

ऐ परस्तार-ए-बुताँ और ज़रा तेज़ क़दम

(745) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Rahbar-e-tabl-o-nishan Aur Zara Tez Qadam In Hindi By Famous Poet Akhtar Ansari Akbarabadi. Rahbar-e-tabl-o-nishan Aur Zara Tez Qadam is written by Akhtar Ansari Akbarabadi. Complete Poem Rahbar-e-tabl-o-nishan Aur Zara Tez Qadam in Hindi by Akhtar Ansari Akbarabadi. Download free Rahbar-e-tabl-o-nishan Aur Zara Tez Qadam Poem for Youth in PDF. Rahbar-e-tabl-o-nishan Aur Zara Tez Qadam is a Poem on Inspiration for young students. Share Rahbar-e-tabl-o-nishan Aur Zara Tez Qadam with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.