Ghazals of Akhlaq Ahmad Ahan
नाम | अख़लाक़ अहमद आहन |
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अंग्रेज़ी नाम | Akhlaq Ahmad Ahan |
जन्म की तारीख | 1974 |
जन्म स्थान | Dehli |
ये तिरे लम्स का एहसास जवाँ-तर हो जाए
ये ग़ाज़ा है काजल है उबटन है क्या है
तिरी आश्नाई से तेरी रज़ा तक
में महफ़िल-ए-हयात में हैरान सा रहा
लगा के आग बुझाने की बात करते हो
जला के दिल को रखा सुब्ह-ओ-शाम रोज़-ओ-शब
हम आज बज़्म-ए-रक़ीबाँ से सुर्ख़-रू आए
अकेले अकेले ही पा ली रिहाई