Sad Poetry of Akhilesh Tiwari
नाम | अखिलेश तिवारी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Akhilesh Tiwari |
वह शक्ल वह शनाख़्त वह पैकर की आरज़ू
उड़ा के फिर वही गर्द-ओ-ग़ुबार पहले सा
किसे जाना कहाँ है मुनहसिर होता है इस पर भी
काग़ज़ प हर्फ़ हर्फ़ निखर जाना चाहिए
हँसना रोना पाना खोना मरना जीना पानी पर
गुत्थी न सुलझ पाई गो सुलझाई बहुत है