हंगामा-ए-आफ़ात इधर भी है उधर भी

हंगामा-ए-आफ़ात इधर भी है उधर भी

बर्बादी-ए-हालात इधर भी है उधर भी

होंटों पे तबस्सुम कभी पलकों पे सितारे

ये दिल की करामात इधर भी है उधर भी

बेचैन अगर मैं हूँ तो वो भी हैं परेशाँ

दर-पर्दा कोई बात इधर भी है उधर भी

आशुफ़्तगी-ए-क़ल्ब-ओ-नज़र छुप न सकेगी

इक महशर-ए-जज़्बात इधर भी है उधर भी

हर चंद तकल्लुफ़ है मुलाक़ात में लेकिन

अरमान-ए-मुलाक़ात इधर भी है उधर भी

मुजरिम किसे गर्दानिये कहिए किसे मासूम

इक सैल-ए-शिकायात इधर भी है उधर भी

क्यूँकर कभी निकलेगी कोई सुल्ह की सूरत

इक तल्ख़ी-जज़्बात इधर भी है उधर भी

उन को भी कोई रंज है मुझ को भी कोई ग़म

इक फ़िक्र सी दिन रात इधर भी है उधर भी

अफ़्सोस भरी बज़्म में भी मिल नहीं सकते

कुछ पास-ए-रिवायात इधर भी है उधर भी

जो तर्क-ए-तअ'ल्लुक़ पे भी जाती नहीं दिल से

वो दिल की लगी बात इधर भी है उधर भी

नाले भी शरर-बार हैं नग़्मे भी शरर-बार

इक आतिश-ए-जज़्बात इधर भी है उधर भी

'अख़्गर' ही का दामन नहीं नमनाक शब-ए-ग़म

आँखों की ये बरसात इधर भी है उधर भी

(1147) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Hangama-e-afat Idhar Bhi Hai Udhar Bhi In Hindi By Famous Poet Akhgar Mushtaq Raheem Aabadi. Hangama-e-afat Idhar Bhi Hai Udhar Bhi is written by Akhgar Mushtaq Raheem Aabadi. Complete Poem Hangama-e-afat Idhar Bhi Hai Udhar Bhi in Hindi by Akhgar Mushtaq Raheem Aabadi. Download free Hangama-e-afat Idhar Bhi Hai Udhar Bhi Poem for Youth in PDF. Hangama-e-afat Idhar Bhi Hai Udhar Bhi is a Poem on Inspiration for young students. Share Hangama-e-afat Idhar Bhi Hai Udhar Bhi with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.