अकबर मासूम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अकबर मासूम
नाम | अकबर मासूम |
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अंग्रेज़ी नाम | Akbar Masoom |
जन्म की तारीख | 1961 |
वो और होंगे जो कार-ए-हवस पे ज़िंदा हैं
उजाला है जो ये कौन-ओ-मकाँ में
तिरे ग़ुरूर की इस्मत-दरी पे नादिम हूँ
रह जाएगी ये सारी कहानी यहीं धरी
मैं किसी और ही आलम का मकीं हूँ प्यारे
जिस के बग़ैर जी नहीं सकते थे जा चुका
है मुसीबत में गिरफ़्तार मुसीबत मेरी
ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो
अब तुझे मेरा नाम याद नहीं
ये सारी धूल मिरी है ये सब ग़ुबार मिरा
ये सारे फूल ये पत्थर उसी से मिलते हैं
ये जो इक शाख़ है हरी थी अभी
ये गुल जिस ख़ाक से लाया गया है
उस ख़ुश-अदा के आइना-ख़ाने में जाऊँगा
सुन! हिज्र और विसाल का जादू कहाँ गया
नींद में गुनगुना रहा हूँ मैं
न अपना नाम न चेहरा बदल के आया हूँ
ख़्वाब आराम नहीं ख़्वाब परेशानी है
ख़ुद से निकलूँ भी तो रस्ता नहीं आसान मिरा
ऐसा एक मक़ाम हो जिस में दिल जैसी वीरानी हो
अब भी अक्सर ध्यान तुम्हारा आता है