Khawab Poetry of Akbar Hyderabadi

Khawab Poetry of Akbar Hyderabadi
नामअकबर हैदराबादी
अंग्रेज़ी नामAkbar Hyderabadi
जन्म की तारीख1925

हिसार-अंदर-हिसार

ये कौन मेरी तिश्नगी बढ़ा बढ़ा के चल दिया

सितम-ज़दा कई बशर क़दम क़दम पे थे

जब सुब्ह की दहलीज़ पे बाज़ार लगेगा

हाँ यही शहर मिरे ख़्वाबों का गहवारा था

घुटन अज़ाब-ए-बदन की न मेरी जान में ला

दिल दबा जाता है कितना आज ग़म के बार से

दहकते कुछ ख़याल हैं अजीब अजीब से

बस इक तसलसुल-ए-तकरार-ए-क़ुर्ब-ओ-दूरी था

अकबर हैदराबादी ख्वाब Poetry in Hindi - Read famous ख्वाब Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by अकबर हैदराबादी. Largest collection of ख्वाब Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by अकबर हैदराबादी. Share the अकबर हैदराबादी ख्वाब Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.