मुझे लिक्खो वहाँ क्या हो रहा है

मुझे लिक्खो वहाँ क्या हो रहा है

यहाँ तो फिर तमाशा हो रहा है

हवा के दोश पर है आशियाना

परिंदा तिनका तिनका हो रहा है

अभी परवाज़ की फ़ुर्सत है किस को

अभी तो दाना-दुन्का हो रहा है

कोई नादीदा उँगली उठ रही है

मिरी जानिब इशारा हो रहा है

वो अपने हाथ सीधे कर रहे हैं

हमारा शहर उल्टा हो रहा है

न जाने किस तरफ़ से लिक्खा जाए

चमन दीवार-ए-फ़र्दा हो रहा है

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