Heart Broken Poetry of Akbar Hameedi
नाम | अकबर हमीदी |
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अंग्रेज़ी नाम | Akbar Hameedi |
जन्म की तारीख | 1935 |
तिरा आँचल इशारे दे रहा है
तमाम आलम-ए-इम्काँ मिरे गुमान में है
शरार-ए-संग जो इस शोर-ओ-शर से निकलेगा
रात आई है बच्चों को पढ़ाने में लगा हूँ
मुझे लिक्खो वहाँ क्या हो रहा है
काफ़िर था मैं ख़ुदा का न मुंकिर दुआ का था
हँसी में साग़र-ए-ज़र्रीं खनक खनक जाए
देखने को कोई तय्यार नहीं है भाई