हर नफ़स मिन्नत-कश-ए-आलाम है

हर नफ़स मिन्नत-कश-ए-आलाम है

ज़िंदगी शायद इसी का नाम है

एक आँसू और वो भी सर्फ़-ए-ज़ब्त

क्या यही उम्मीद का अंजाम है

सरगुज़श्त-ए-इश्क़ अफ़्साना नहीं

ज़ीनत-ए-उन्वान तेरा नाम है

हुस्न की तफ़्सीर भी कुछ कीजिए

इश्क़ बे-शक इक ख़याल-ए-ख़ाम है

इश्क़ की बे-ताबियाँ होशियार हों

अहल-ए-दिल पर ज़ब्त का इल्ज़ाम है

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Har Nafas Minnat-kash-e-alam Hai In Hindi By Famous Poet Akbar Haidri. Har Nafas Minnat-kash-e-alam Hai is written by Akbar Haidri. Complete Poem Har Nafas Minnat-kash-e-alam Hai in Hindi by Akbar Haidri. Download free Har Nafas Minnat-kash-e-alam Hai Poem for Youth in PDF. Har Nafas Minnat-kash-e-alam Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Har Nafas Minnat-kash-e-alam Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.