आह ऐ सौदा-ए-ख़ाम-ए-आरज़ू

आह ऐ सौदा-ए-ख़ाम-ए-आरज़ू

ता-ब-कै आख़िर निज़ाम-ए-आरज़ू

ज़ब्त-ए-आह-ए-दिल-शिकन और मैं हज़ीं

कर रहा हूँ एहतिराम-ए-आरज़ू

होशियार ऐ इंफ़िआ'ल-ए-कैफ़-ज़ा

हुस्न तक पहुँचा पयाम-ए-आरज़ू

चश्म-ए-लुत्फ़-आगीं नए अंदाज़ से

ले रही है इंतिक़ाम-ए-आरज़ू

अहल-ए-दिल ज़िंदा हैं किस उम्मीद पर

नज़्म-ए-दुनिया है निज़ाम-ए-आरज़ू

यास की गुंजाइशें किस दिल में हैं

ले रहा है कौन नाम-ए-आरज़ू

बज़्म-ए-अंजुम जब सरापा-गोश थी

काश तुम सुनते पयाम-ए-आरज़ू

आह अब ख़ुद्दारी-ए-अकबर कहाँ

हो गई वो भी ग़ुलाम-ए-आरज़ू

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Aah Ai Sauda-e-KHam-e-arzu In Hindi By Famous Poet Akbar Haidri. Aah Ai Sauda-e-KHam-e-arzu is written by Akbar Haidri. Complete Poem Aah Ai Sauda-e-KHam-e-arzu in Hindi by Akbar Haidri. Download free Aah Ai Sauda-e-KHam-e-arzu Poem for Youth in PDF. Aah Ai Sauda-e-KHam-e-arzu is a Poem on Inspiration for young students. Share Aah Ai Sauda-e-KHam-e-arzu with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.