Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_c778a1f305a5198c1a0c992b7be5358a, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
सन्नाटा तूफ़ाँ से सिवा हो ये भी तो हो सकता है - अकबर अली खान अर्शी जादह कविता - Darsaal

सन्नाटा तूफ़ाँ से सिवा हो ये भी तो हो सकता है

सन्नाटा तूफ़ाँ से सिवा हो ये भी तो हो सकता है

ये कुछ और बड़ा धोका हो ये भी तो हो सकता है

ज़ब्त-ए-जुनूँ से अंदाज़ों पर दर तो बंद नहीं होते

तू मुझ से बढ़ कर रुस्वा हो ये भी तो हो सकता है

रहने दे ये हर्फ़-ए-तसल्ली मेरी हिम्मत पस्त न कर

नाकामी ही में रस्ता हो ये भी तो हो सकता है

ढूँडने वाला ढूँड रहा है और अंदाज़ जफ़ाओं के

मुझ को वफ़ा का ज़ख़्म लगा हो ये भी तो हो सकता है

लाओ इक लम्हे को अपने-आप में डूब के देख आऊँ

ख़ुद मुझ में ही मेरा ख़ुदा हो ये भी तो हो सकता है

मुझ को तो ये ए'ज़ाज़ बहुत है लेकिन तेरी तमन्ना ने

मेरे लबों से काम लिया हो ये भी तो हो सकता है

आख़िर अपने क़दमों को क्यूँ हम मुल्ज़िम ठहराते हैं

राहों ने मुँह मोड़ लिया हो ये भी तो हो सकता है

मेरे तसव्वुर ने बख़्शी है तन्हाई को भी इक महफ़िल

तू महफ़िल महफ़िल तन्हा हो ये भी तो हो सकता है

(727) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

SannaTa Tufan Se Siwa Ho Ye Bhi To Ho Sakta Hai In Hindi By Famous Poet Akbar Ali Khan Arshi Zadah. SannaTa Tufan Se Siwa Ho Ye Bhi To Ho Sakta Hai is written by Akbar Ali Khan Arshi Zadah. Complete Poem SannaTa Tufan Se Siwa Ho Ye Bhi To Ho Sakta Hai in Hindi by Akbar Ali Khan Arshi Zadah. Download free SannaTa Tufan Se Siwa Ho Ye Bhi To Ho Sakta Hai Poem for Youth in PDF. SannaTa Tufan Se Siwa Ho Ye Bhi To Ho Sakta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share SannaTa Tufan Se Siwa Ho Ye Bhi To Ho Sakta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.