Ghazals of Ajmal Siraj
नाम | अजमल सिराज |
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अंग्रेज़ी नाम | Ajmal Siraj |
जन्म की तारीख | 1968 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़मीं पर आसमाँ कब तक रहेगा
वही बे-बाकी-ए-उश्शाक़ है दरकार अब भी
तेरे सिवा किसी की तमन्ना करूँगा मैं
सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की
शाम अपनी बे-मज़ा जाती है रोज़
पेश जो आया सर-ए-साहिल शब बतलाया
नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम
मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है
किसी की क़ैद से आज़ाद हो के रह गए हैं
किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है
जो कल हैरान थे उन को परेशाँ कर के छोड़ूँगा
जो अश्क बरसा रहे हैं साहिब
हम अपने-आप में रहते हैं दम में दम जैसे
गुज़र गई है अभी साअत-ए-गुज़िश्ता भी
घूम-फिर कर इसी कूचे की तरफ़ आएँगे
दुश्वार है इस अंजुमन-आरा को समझना
दीवार याद आ गई दर याद आ गया
बुझ गया रात वो सितारा भी
और तो ख़ैर क्या रह गया