अजमल सिराज कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अजमल सिराज
नाम | अजमल सिराज |
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अंग्रेज़ी नाम | Ajmal Siraj |
जन्म की तारीख | 1968 |
जन्म स्थान | Karachi |
ज़िंदगी हम से चाहती क्या है
ये उदासी का सबब पूछने वाले 'अजमल'
ये जो हम खोए खोए रहते हैं
ये भी तय है कि जो बोएँगे वो काटेंगे यहाँ
उस ने पूछा था क्या हाल है
ठहर गया है दिल का जाना
रह गया दिल में इक दर्द सा
मिरी मिसाल तो ऐसी है जैसे ख़्वाब कोई
मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है
लोग जीते हैं किस तरह 'अजमल'
कुछ कहना चाहते थे कि ख़ामोश हो गए
किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है
कौन आता है इस ख़राबे में
ग़म सभी दिल से रुख़्सत हुए
दिखा दूँगा तमाशा दी अगर फ़ुर्सत ज़माने ने
बताओ तुम से कहाँ राब्ता किया जाए
बस एक शाम का हर शाम इंतिज़ार रहा
बदल जाएँगे ये दिन रात 'अजमल'
'अजमल'-सिराज हम उसे भूल हुए तो हैं
अब आप ख़ुद ही बताएँ ये ज़िंदगी क्या है
ज़मीं पर आसमाँ कब तक रहेगा
वही बे-बाकी-ए-उश्शाक़ है दरकार अब भी
तेरे सिवा किसी की तमन्ना करूँगा मैं
सुनी है चाप बहुत वक़्त के गुज़रने की
शाम अपनी बे-मज़ा जाती है रोज़
पेश जो आया सर-ए-साहिल शब बतलाया
नज़र आ रहे हैं जो तन्हा से हम
मैं ने ऐ दिल तुझे सीने से लगाया हुआ है
किसी की क़ैद से आज़ाद हो के रह गए हैं
किसी के हिज्र में जीना मुहाल हो गया है