Ghazals of Ajmal Siddiqi
नाम | अजमल सिद्दीक़ी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ajmal Siddiqi |
जन्म की तारीख | 1981 |
जन्म स्थान | Delhi |
सब ने देखा मुझे उठता हुआ मेरे घर से
ज़िंदगी रोज़ बनाती है बहाने क्या क्या
रो रो के बयाँ करते फिरो रंज-ओ-अलम ख़ूब
न नज़र से कोई गुज़र सका न ही दिल से मलबा हटा सका
खुल के बरसना और बरस कर फिर खुल जाना देखा है
ख़त जो तेरे नाम लिखा, तकिए के नीचे रखता हूँ
इतराता गरेबाँ पर था बहुत, रह-ए-इश्क़ में कब का चाक हुआ
इतना करम इतनी अता फिर हो न हो
दुखे दिलों पे जो पड़ जाए वो तबीब नज़र
अलग अलग तासीरें इन की, अश्कों के जो धारे हैं