Heart Broken Poetry of Ajiz Matvi

Heart Broken Poetry of Ajiz Matvi
नामआजिज़ मातवी
अंग्रेज़ी नामAjiz Matvi
जन्म की तारीख1932
जन्म स्थानLucknow

सितम ये है वो कभी भूल कर नहीं आया

महव-ए-हैरत हूँ ख़राश-ए-दस्त-ए-ग़म को देख कर

आग़ाज़-ए-मोहब्बत में 'आजिज़' रुकती न थी मौज-ए-अश्क-ए-रवाँ

यूँ तुझ से दूर दूर रहूँ ये सज़ा न दे

मौजूद हैं वो भी बालीं पर अब मौत का टलना मुश्किल है

मय-ख़ाने पर काले बादल जब घिर घिर कर आते हैं

क्यूँ कहूँ कोई क़द-आवर नहीं आया अब तक

जहाँ न दिल को सुकून है न है क़रार मुझे

जब कभी मद्द-ए-मुक़ाबिल वो रुख़-ए-ज़ेबा हुआ

हसरतें आ आ के जम्अ हो रही हैं दिल के पास

हर-सू जहाँ में शाम ओ सहर ढूँडते हैं हम

हंगामा क्यूँ बपा है ज़रा बाम पर से देख

दर्द-ए-मुसलसल से आहों में पैदा वो तासीर हुई

आजिज़ मातवी Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by आजिज़ मातवी. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by आजिज़ मातवी. Share the आजिज़ मातवी Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.