Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_96ace57837b4225a2cbd16b2a36934cd, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
इस चमन का अजीब माली है - अजीत सिंह हसरत कविता - Darsaal

इस चमन का अजीब माली है

इस चमन का अजीब माली है

जिस ने हर शाख़ काट डाली है

दिन उजाला गँवा के बैठ गया

रात ने रौशनी चुरा ली है

ग़म की इस्मत बच्ची हुई थी मगर

वक़्त ने वो भी रौंद डाली है

मो'जिज़ा हो जो बच निकल जाए

पाँच शहबाज़ एक लाली है

ये तिरा अद्ल क्या हुआ यारब

कोई अदना है कोई आली है

आँख में चुभ गए कई मंज़र

अब कहाँ नींद आने वाली है

पहले वक़्तों में हो तो हो शायद

दोस्ती अब हसीन गाली है

ख़ेमा-ए-ज़ब्त की तनाबें खींच

कुछ घटा सी बरसने वाली है

चलते रहना कठिन हुआ 'हसरत'

पाँव ज़ख़्मी हैं रात काली है

(1096) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Is Chaman Ka Ajib Mali Hai In Hindi By Famous Poet Ajeet Singh Hasrat. Is Chaman Ka Ajib Mali Hai is written by Ajeet Singh Hasrat. Complete Poem Is Chaman Ka Ajib Mali Hai in Hindi by Ajeet Singh Hasrat. Download free Is Chaman Ka Ajib Mali Hai Poem for Youth in PDF. Is Chaman Ka Ajib Mali Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Is Chaman Ka Ajib Mali Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.