Ghazals of Ajeet Singh Hasrat
नाम | अजीत सिंह हसरत |
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अंग्रेज़ी नाम | Ajeet Singh Hasrat |
ज़िंदगी में प्यार का सौदा करो
ज़माने हो गए तेरे करम की आस लगी
ये किस लिए है तू इतना उदास दरवाज़े
वो हर्फ़ हर्फ़ मुकम्मल किताब कर देगा
मुख़ालिफ़ आँधियों में अज़्म के दीपक जलाता हूँ
मुझ को प्रेम कहानी कर दो
लब-ए-दरिया जो प्यासे मर गए हैं
ख़ाक में मिलना था आख़िर बे-निशाँ होना ही था
जुस्तुजू में कमाल करता जा
जब मेरा घर बहिश्त सी गुल-वादियों में था
इश्क़ जन्मों का है सफ़र शायद
इस चमन का अजीब माली है
हम को याद न आओ अब
गुज़रे जिधर से नूर बिखेरे चले गए
घोंसले राख हो गए जल के
इक याद सो रहे को उठाती है आज भी
धुआँ सिफ़त हूँ ख़लाओं का है सफ़र मुझ को
अगर फ़क़ीर से मिलना है तो सँभल पहले
आख़िरी उम्मीद भी आँखों से छलकाए हुए