Hope Poetry of Aitbar Sajid
नाम | ऐतबार साजिद |
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अंग्रेज़ी नाम | Aitbar Sajid |
जन्म की तारीख | 1948 |
जन्म स्थान | Islamabad |
किसे पाने की ख़्वाहिश है कि 'साजिद'
जो मिरी शबों के चराग़ थे जो मिरी उमीद के बाग़ थे
दिए मुंडेर प रख आते हैं हम हर शाम न जाने क्यूँ
तिलिस्म-ज़ार-ए-शब-ए-माह में गुज़र जाए
तिरे जैसा मेरा भी हाल था न सुकून था न क़रार था
तर्क-ए-तअल्लुक़ कर तो चुके हैं इक इम्कान अभी बाक़ी है
रस्ते का इंतिख़ाब ज़रूरी सा हो गया
न गुमान मौत का है न ख़याल ज़िंदगी का
मिरी रूह में जो उतर सकें वो मोहब्बतें मुझे चाहिएँ
मैं तकिए पर सितारे बो हा हूँ
कैसे कहीं कि जान से प्यारा नहीं रहा
कभी तू ने ख़ुद भी सोचा कि ये प्यास है तो क्यूँ है
जो ख़याल थे न क़यास थे वही लोग मुझ से बिछड़ गए
घर की दहलीज़ से बाज़ार में मत आ जाना
दिल हैं यूँ मुज़्तरिब मकानों में
बंदे ज़मीन और आसमाँ सरमा की शब कहानियाँ
आने वाली थी ख़िज़ाँ मैदान ख़ाली कर दिया