ये हसीं लोग हैं तू इन की मुरव्वत पे न जा

ये हसीं लोग हैं तू इन की मुरव्वत पे न जा

ख़ुद ही उठ बैठ किसी इज़्न ओ इजाज़त पे न जा

सूरत-ए-शम्अ तिरे सामने रौशन हैं जो फूल

उन की किरनों में नहा ज़ौक़-ए-समाअत पे न जा

दिल सी चेक-बुक है तिरे पास तुझे क्या धड़का

जी को भा जाए तो फिर चीज़ की क़ीमत पे न जा

इतना कम-ज़र्फ़ न बन उस के भी सीने में है दिल

उस का एहसास भी रख अपनी ही राहत पे न जा

देखता क्या है ठहर कर मिरी जानिब हर रोज़

रौज़न-ए-दर हूँ मिरी दीद की हैरत पे न जा

तेरे दिल-सोख़्ता बैठे हैं सर-ए-बाम अभी

बाल खोले हुए तारों भरी इस छत पे न जा

मेरी पोशाक तो पहचान नहीं है मेरी

दिल में भी झाँक मिरी ज़ाहिरी हालत पे न जा

(1126) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Ye Hasin Log Hain Tu Inki Murawwat Pe Na Ja In Hindi By Famous Poet Aitbar Sajid. Ye Hasin Log Hain Tu Inki Murawwat Pe Na Ja is written by Aitbar Sajid. Complete Poem Ye Hasin Log Hain Tu Inki Murawwat Pe Na Ja in Hindi by Aitbar Sajid. Download free Ye Hasin Log Hain Tu Inki Murawwat Pe Na Ja Poem for Youth in PDF. Ye Hasin Log Hain Tu Inki Murawwat Pe Na Ja is a Poem on Inspiration for young students. Share Ye Hasin Log Hain Tu Inki Murawwat Pe Na Ja with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.