Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_e054bd184a8aeec3dcbf066eccec3fe9, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
मैं तकिए पर सितारे बो हा हूँ - ऐतबार साजिद कविता - Darsaal

मैं तकिए पर सितारे बो हा हूँ

मैं तकिए पर सितारे बो हा हूँ

जनम-दिन है अकेला रो रहा हूँ

किसी ने झाँक कर देखा न दिल में

कि मैं अंदर से कैसा हो रहा हूँ

जो दिल पर दाग़ हैं पिछली रुतों के

उन्हें अब आँसुओं से धो रहा हूँ

सभी परछाइयाँ हैं साथ लेकिन

भरी महफ़िल में तन्हा हो रहा हूँ

मुझे इन निस्बतों से कौन समझा

मैं रिश्ते में किसी का जो रहा हूँ

मैं चौंक उठता हूँ अक्सर बैठे बैठे

कि जैसे जागते में सो रहा हूँ

किसे पाने की ख़्वाहिश है कि 'साजिद'

मैं रफ़्ता रफ़्ता ख़ुद को खो रहा हूँ

(2129) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Main Takiye Par Sitare Bo Raha Hun In Hindi By Famous Poet Aitbar Sajid. Main Takiye Par Sitare Bo Raha Hun is written by Aitbar Sajid. Complete Poem Main Takiye Par Sitare Bo Raha Hun in Hindi by Aitbar Sajid. Download free Main Takiye Par Sitare Bo Raha Hun Poem for Youth in PDF. Main Takiye Par Sitare Bo Raha Hun is a Poem on Inspiration for young students. Share Main Takiye Par Sitare Bo Raha Hun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.