Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_54b1176de8faf3f53c1aeb525a160ce9, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
तही-दामन बरहना-पा रवाना हो गया हूँ - ऐनुद्दीन आज़िम कविता - Darsaal

तही-दामन बरहना-पा रवाना हो गया हूँ

तही-दामन बरहना-पा रवाना हो गया हूँ

तबाही चल तिरे शाना-ब-शाना हो गया हूँ

तिरी रफ़्तार पर क़ुर्बान जाऊँ ऐ तरक़्क़ी

मैं अपने अहद में गुज़रा ज़माना हो गया हूँ

मेरे अतराफ़ रहता है हुजूम-ए-ना-मुरादी

जबीन-ए-ना-रसा में आस्ताना हो गया हूँ

हवा की तान पर गाते हैं मुझ को ख़ुश्क पत्ते

मैं हर टूटे हुए दिल का तराना हो गया हूँ

मिरी मिट्टी में अब मेरी हक़ीक़त ढूँढती है

मैं दुनिया के लिए जब से फ़साना हो गया हूँ

मिरा भी तज़्किरा होने लगा दानिशवरों में

तो क्या फिर मैं भी 'आज़िम' कुछ दिवाना हो गया हूँ

(816) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Tahi-daman Barhana-pa Rawana Ho Gaya Hun In Hindi By Famous Poet Ainuddin Azim. Tahi-daman Barhana-pa Rawana Ho Gaya Hun is written by Ainuddin Azim. Complete Poem Tahi-daman Barhana-pa Rawana Ho Gaya Hun in Hindi by Ainuddin Azim. Download free Tahi-daman Barhana-pa Rawana Ho Gaya Hun Poem for Youth in PDF. Tahi-daman Barhana-pa Rawana Ho Gaya Hun is a Poem on Inspiration for young students. Share Tahi-daman Barhana-pa Rawana Ho Gaya Hun with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.