जो मैं ने कह दिया उस से मुकरने वाला नहीं

जो मैं ने कह दिया उस से मुकरने वाला नहीं

कि आसमान ज़मीं पर उतरने वाला नहीं

मैं रेज़ा रेज़ा हूँ लेकिन नमी अभी तक है

हवाएँ लाख चलें मैं बिखरने वाला नहीं

मैं जानता हूँ वो अच्छे दिनों का साथी है

बुरे दिनों में इधर से गुज़रने वाला नहीं

हमारे शहर में चेहरा नहीं रहा शायद

पड़े हैं आइना-ख़ाने सँवरने वाला नहीं

तिरे करम का सज़ा-वार मैं हूँ या दिल है

दिया है तू ने वो कासा जो भरने वाला नहीं

कहाँ का ख़्वाब मुसाफ़िर की आँख में 'आज़िम'

कि बहते पानी में मंज़र ठहरने वाला नहीं

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Jo Maine Kah Diya Us Se Mukarne Wala Nahin In Hindi By Famous Poet Ainuddin Azim. Jo Maine Kah Diya Us Se Mukarne Wala Nahin is written by Ainuddin Azim. Complete Poem Jo Maine Kah Diya Us Se Mukarne Wala Nahin in Hindi by Ainuddin Azim. Download free Jo Maine Kah Diya Us Se Mukarne Wala Nahin Poem for Youth in PDF. Jo Maine Kah Diya Us Se Mukarne Wala Nahin is a Poem on Inspiration for young students. Share Jo Maine Kah Diya Us Se Mukarne Wala Nahin with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.