Heart Broken Poetry of Ainuddin Azim
नाम | ऐनुद्दीन आज़िम |
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अंग्रेज़ी नाम | Ainuddin Azim |
यही इक जिस्म-ए-फ़ानी जावेदानी का अहाता करने वाला है
वहशत में दिल कितना कुशादा करना पड़ता है
तही-दामन बरहना-पा रवाना हो गया हूँ
पढ़ो इबारत-ए-तख़्लीक़-ए-दर्द चेहरे पर
मेरे हमराह सितारे कभी जुगनू निकले
ला-मकाँ से भी परे ख़ुद से मुलाक़ात करें
क्या करूँ ज़र्फ़-ए-शनासाई को
दर्द तेरा मिरे सीने से निकाला न गया
अब जुनूँ के रत-जगे ख़िरद में आ गए