Ghazals of Ain Tabish
नाम | ऐन ताबिश |
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अंग्रेज़ी नाम | Ain Tabish |
जन्म की तारीख | 1958 |
जन्म स्थान | Patna |
यहाँ के रंग बड़े दिल-पज़ीर हुए हैं
वही जुनूँ की सोख़्ता-जानी वही फ़ुसूँ अफ़्सानों का
ताबिश ये भला कौन सी रुत आई है जानी
क़िस्सा-ए-ख़्वाब हूँ हासिल नहीं कोई मेरा
प्यास बढ़ती हुई ता-हद्द-ए-नज़र पानी था
मुझ को ना-कर्दा गुनह का मो'तरिफ़ होना पड़ा
मेरी तन्हाई के एजाज़ में शामिल है वही
ख़ाकसारी थी कि बिन देखे ही हम ख़ाक हुए
कैसे अफ़्सूँ थे वहाँ कैसे फ़साने थे उधर
जी रहे हैं आफ़ियत में तो हुनर ख़्वाबों का है
हयात-ए-सोख़्ता-सामाँ इक इस्तिअा'रा-ए-शाम
गुज़रते वक़्त को बुनियाद करने वाला हूँ
ग़ुबार-ए-जहाँ में छुपे बा-कमालों की सफ़ देखता हूँ
घनी सियह ज़ुल्फ़ बदलियों सी बिला सबब मुझ में जागती है
बज़्म ख़ाली नहीं मेहमान निकल आते हैं
आवारा भटकता रहा पैग़ाम किसी का