ऐन ताबिश कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ऐन ताबिश
नाम | ऐन ताबिश |
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अंग्रेज़ी नाम | Ain Tabish |
जन्म की तारीख | 1958 |
जन्म स्थान | Patna |
तू जो इस दुनिया की ख़ातिर अपना-आप गँवाता है
रोज़ इक मर्ग का आलम भी गुज़रता है यहाँ
मैं उस घड़ी अपने आप का सामना भी करने से भागता हूँ
मैं अपना कार-ए-वफ़ा आज़माऊँगा फिर भी
जी लगा रक्खा है यूँ ताबीर के औहाम से
इसी क़दर है हयात ओ अजल के बीच का फ़र्क़
हर ऐसे-वैसे से क़ुफ़्ल-ए-क़फ़स नहीं खुलता
है एक ही लम्हा जो कहीं वस्ल कहीं हिज्र
इक ज़रा चैन भी लेते नहीं 'ताबिश'-साहब
एक ख़ुश्बू थी जो मल्बूस पे ताबिंदा थी
एक बस्ती थी हुई वक़्त के अंदोह में गुम
बे-हुनर देख न सकते थे मगर देखने आए
आज भी उस के मिरे बीच है दुनिया हाइल
ज़मीन अपने बेटों को पहचानती है
रात अभी आधी गुज़री है
पुरानी फ़ाइलों में गुनगुनाती शाम
पहले तो शहर ऐसा न था
मुलाक़ातें नहीं फिर भी मुलाक़ातें
मैं अल्बम के वरक़ जब भी उलटता हूँ
हवेली मौत की दहलीज़ पर
इक शहर था इक बाग़ था
बदलने का कोई मौसम नहीं होता
अदम से परे
आँसुओं के रतजगों से
यहाँ के रंग बड़े दिल-पज़ीर हुए हैं
वही जुनूँ की सोख़्ता-जानी वही फ़ुसूँ अफ़्सानों का
ताबिश ये भला कौन सी रुत आई है जानी
क़िस्सा-ए-ख़्वाब हूँ हासिल नहीं कोई मेरा
प्यास बढ़ती हुई ता-हद्द-ए-नज़र पानी था
मुझ को ना-कर्दा गुनह का मो'तरिफ़ होना पड़ा