बस एक धुन थी समुंदर को पार करने की
मैं जानता था समुंदर के पार कुछ भी न था
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कभी जो मिल न सकी उस ख़ुशी का हासिल है
मेरी तरफ़ सभी कि निगाहें थीं और मैं
क्या किसी बात की सज़ा है मुझे
हादसा कौन सा हुआ पहले
ख़ुद अपने साथ धोका क्यूँ करूँ मैं
बहुत नज़दीक थे तस्वीर में हम
बला की धूप थी मैं जल रहा था
इक साया मेरे जैसा है
गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त
तन्हा तन्हा सहमी सहमी ख़ामोशी
ग़र्क़ होते जहाज़ देखे हैं
मिरा वजूद जो पत्थर दिखाई देता है