ऐन इरफ़ान कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ऐन इरफ़ान
नाम | ऐन इरफ़ान |
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अंग्रेज़ी नाम | Ain Irfan |
जन्म की तारीख | 1984 |
तिश्नगी पीने की शब थी
मेरी तरफ़ सभी कि निगाहें थीं और मैं
मिरा वजूद जो पत्थर दिखाई देता है
करता है कार-ए-रौशनी मुझ को जला के दिन
कभी सोचूँ कि ख़ुद मैं लौट आऊँ
जहाँ तक डूबने का डर है तुम को
हो दिन कि चाहे रात कोई मसअला नहीं
हादिसा कौन सा हुआ पहले
ग़र्क़ होते जहाज़ देखे हैं
गामज़न हैं हम मुसलसल अजनबी मंज़िल की सम्त
बे-मक़्सद महफ़िल से बेहतर तन्हाई
बस एक धुन थी समुंदर को पार करने की
बहुत नज़दीक थे तस्वीर में हम
तन्हा तन्हा सहमी सहमी ख़ामोशी
रात-भर रोने का दिन था
रात इक हादसा हुआ मुझ में
क़ल्ब की बंजर ज़मीं पर ख़्वाहिशें बोते हुए
क्या किसी बात की सज़ा है मुझे
ख़ुद अपने साथ धोका क्यूँ करूँ मैं
कभी जो मिल न सकी उस ख़ुशी का हासिल है
हो दिन कि चाहे रात कोई मसअला नहीं
हादसा कौन सा हुआ पहले
इक साया मेरे जैसा है
इक परिंदा शाख़ पर बैठा हुआ
धुँद है या धुआँ समझता हूँ
बला की धूप थी मैं जल रहा था
आहों की आज़ारों की आवाज़ें थीं