Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_3973af5688efff85b35f8abb3d26dc49, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
रिश्ता-ए-दिल उसी से मिलता है - अहमद निसार कविता - Darsaal

रिश्ता-ए-दिल उसी से मिलता है

रिश्ता-ए-दिल उसी से मिलता है

जो कोई सादगी से मिलता है

बैठ जाता है दिल मिरा अक्सर

जब कोई बेबसी से मिलता है

हाए अफ़्सोस मेरा रस्ता भी

बेवफ़ा की गली से मिलता है

राज़-ए-दिल क्या सुना गया उस को

तब से वो बे-दिली से मिलता है

उम्र भर जो मुझे सताएगा

हर घड़ी बे-कली से मिलता है

भूल पाना जिसे नहीं मुमकिन

फूल बन कर हँसी से मिलता है

जिस के दिल में जगह नहीं मेरी

मेरा दिल भी उसी से मिलता है

हाल-ए-दिल अब ज़बाँ नहीं कहती

आँख की इस तरी से मिलता है

क्या 'निसार' आज-कल कोई लम्हा

आप से भी ख़ुशी से मिलता है

(883) Peoples Rate This

Your Thoughts and Comments

Rishta-e-dil Usi Se Milta Hai In Hindi By Famous Poet Ahmed Nisar. Rishta-e-dil Usi Se Milta Hai is written by Ahmed Nisar. Complete Poem Rishta-e-dil Usi Se Milta Hai in Hindi by Ahmed Nisar. Download free Rishta-e-dil Usi Se Milta Hai Poem for Youth in PDF. Rishta-e-dil Usi Se Milta Hai is a Poem on Inspiration for young students. Share Rishta-e-dil Usi Se Milta Hai with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.