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हमारा देस - अहमक़ फफूँदवी कविता - Darsaal

हमारा देस

जग से भला संसार से प्यारा

दिल की ठंडक आँख का तारा

सब से अनोखा सब से न्यारा

दुनिया के जीने का सहारा

प्यारा भारत देस हमारा

कितनी पुर-कैफ़ इस की अदाएँ

कितनी दिलकश इस की फ़ज़ाएँ

मुश्क से बढ़ कर इस की हवाएँ

ख़ुल्द से बेहतर इस का नज़ारा

प्यारा भारत देस हमारा

मुल्क को हासिल हो आज़ादी

ख़त्म हो दौर-ए-सितम-ईजादी

दूर हो इस की सब बर्बादी

चर्ख़ पे चमके बन के तारा

प्यारा भारत देस हमारा

हम में पैदा हो यक-जाई

सब हों बाहम भाई भाई

हिन्दू मुस्लिम, सिख, ईसाई

गाएँ मिल कर गीत ये प्यारा

प्यारा भारत देस हमारा

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