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दुआ - अहमक़ फफूँदवी कविता - Darsaal

दुआ

या ख़ुदा हम को आदमियत दे

मुल्क और क़ौम की मोहब्बत दे

कर अता इस क़दर तमीज़ हमें

कि हो अपना वतन अज़ीज़ हमें

इस की ख़िदमत को फ़ख़्र जानें हम

इस की हर बात दिल से मानें हम

फूट और इफ़्तिराक़ खो दें हम

पाप की नाव को डुबो दें हम

हसद-ओ-कीना ओ ख़ुसूमत ओ शर

कर दें इन में से सब को मुल्क-बदर

एक हो जाएँ सब ख़वास ओ अवाम

न रहे ग़ैरियत का मुल्क हैं नाम

सुल्ह ओ अम्न-ओ-अमाँ हो चार तरफ़

आफ़ियत हुक्मराँ हो चार तरफ़

इत्तिहाद-ए-अमल से हों सब काम

कोई दाना रहे न बंदा-ए-दाम

मुल्क हो ग़ैर के असर से पाक

ख़िर्मन-ए-जौर-ओ-मासियत हो ख़ाक

हो ये वीराना ग़ैरत-ए-गुलज़ार

फिर से आए वतन में ताज़ा बहार

पट्टा उतरे गले से लानत का

ख़त्म हो दौर फ़क़्र ओ ज़िल्लत का

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Dua In Hindi By Famous Poet Ahmaq Phaphoondvi. Dua is written by Ahmaq Phaphoondvi. Complete Poem Dua in Hindi by Ahmaq Phaphoondvi. Download free Dua Poem for Youth in PDF. Dua is a Poem on Inspiration for young students. Share Dua with your friends on Twitter, Whatsapp and Facebook.