Love Poetry of Ahmad Ziya
नाम | अहमद ज़िया |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Ziya |
ज़रा सुकून भी सहरा के प्यार ने न दिया
वो ख़्वाब सा पैकर है गुल-ए-तर की तरह है
प्यार किया था तुम से मैं ने अब एहसान जताना क्या
जलती बुझती सी रहगुज़र जैसे
हर क़दम पर मेरे अरमानों का ख़ूँ
फ़िक्र के सारे धागे टूटे ज़ेहन भी अब म'अज़ूर हुआ