मैं मकीं हूँ न मकाँ शहर-ए-मोहब्बत का 'ज़फ़र'
मैं मकीं हूँ न मकाँ शहर-ए-मोहब्बत का 'ज़फ़र'
दिल मुसाफ़िर न किसी ग़ैर के घर जाएगा
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मैं मकीं हूँ न मकाँ शहर-ए-मोहब्बत का 'ज़फ़र'
दिल मुसाफ़िर न किसी ग़ैर के घर जाएगा
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