अंग अंग से रंग रंग के फूल बरसते देखे कौन
रंग रंग से शोले बरसे कैसे बरसे सोचे कौन
Wasi Shah
Rahat Indori
Allama Iqbal
Faiz Ahmad Faiz
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Parveen Shakir
Jaun Eliya
Habib Jalib
Anwar Masood
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फ़लक पे चाँद नहीं कोई अब्र-पारा नहीं
म्यूजियम
काएनात-ए-ज़ात का मुसाफ़िर
उम्र का आख़िरी दिन
ड्राइंग-रूम
मैं मकीं हूँ न मकाँ शहर-ए-मोहब्बत का 'ज़फ़र'
यूँ ज़माने में मिरा जिस्म बिखर जाएगा
सियाह रात की हर दिलकशी को भूल गए
उस ने तोड़ा जहाँ कोई पैमाँ
हैरत-ख़ाना-ए-इमरोज़
वो फूल जो मुस्कुरा रहा है
उन से मेरी बात न पूछ