अपनी ही ज़ात के सहरा में आज
लोग चुप-चाप जला करते हैं
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Gulzar
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Mohsin Naqvi
Javed Akhtar
Rahat Indori
Faiz Ahmad Faiz
Parveen Shakir
Habib Jalib
Wasi Shah
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
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दर्द ठहरे तो ज़रा दिल से कोई बात करें
प्यारे प्यारे युगों में आए प्यारे प्यारे लोग
गहराइयों से मुझ को किसी ने निकाल के
ख़ुद को छूने से डरा करते हैं
वो करे बात तो हर लफ़्ज़ से ख़ुश्बू आए