हर गली कूचे में लश्कर देखो
हर गली कूचे में लश्कर देखो
दोस्तो शहर का मंज़र देखो
हम न कहते थे कि घर जाओगे
किस जगह पहुँचे हो आख़िर देखो
कितनी ख़ुश-हाल है सारी दुनिया
कितना वीरान है ये घर देखो
बंद कमरों में मुक़फ़्फ़ल लोगो!
खिड़कियाँ खोल के बाहर देखो
किस तरह ज़िंदा हैं ख़ुश हैं कितने
जाने वालो! कभी आ कर देखो
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