Sad Poetry of Ahmad Shanas
नाम | अहमद शनास |
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अंग्रेज़ी नाम | Ahmad Shanas |
फिर इस के ब'अद पत्थर हो गया आँखों का पानी
मैं ख़ुद अपने आप से हूँ बेगाना सा
मैं बात करने लगा था कि लफ़्ज़ गूँगे हुए
ख़ुद को पाया था न खोया मैं ने
ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे
ज़माना हो गया है ख़्वाब देखे
ये वक़्त रौशनी का मुख़्तसर है
सुब्ह-ए-वजूद हूँ कि शब-ए-इंतिज़ार हूँ
फूलों में एक रंग है आँखों के नीर का
मोहब्बतों को कहीं और पाल कर देखो
मिरी आँखों में आ दिल में उतर पैवंद-ए-जाँ हो जा
जिस्म के बयाबाँ में दर्द की दुआ माँगें
इमरोज़ की कश्ती को डुबोने के लिए हूँ
है वाहिमों का तमाशा यहाँ वहाँ देखो
दश्त-ए-उम्मीद में ख़्वाबों का सफ़र करना था
बस इक जहान-ए-तहय्युर से आने वाला है