Warning: session_start(): open(/var/cpanel/php/sessions/ea-php56/sess_94fd244916fa22d05e0b0d10daae6332, O_RDWR) failed: Disk quota exceeded (122) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1

Warning: session_start(): Failed to read session data: files (path: /var/cpanel/php/sessions/ea-php56) in /home/dars/public_html/helper/cn.php on line 1
अहमद शनास Couplets In Hindi - Best अहमद शनास Couplets Shayari & Poems - Darsaal

Coupletss of Ahmad Shanas

Coupletss of Ahmad Shanas
नामअहमद शनास
अंग्रेज़ी नामAhmad Shanas

वो मेरे अलावा मुझे चाहता है

शब-ओ-रोज़ नख़्ल-ए-वजूद को नया एक बर्ग-ए-अना दिया

सात क़ुल्ज़ुम हैं मिरे सीने में

रफ़्ता रफ़्ता लफ़्ज़ गूँगे हो गए

पॉप धमाके में हम भक्ती ढूँड रहे हैं

फूल बाहर है कि अंदर है मिरे सीने में

फिर इस के ब'अद पत्थर हो गया आँखों का पानी

पस-ए-ख़याल हूँ कितना ज़ुहूर कितना हूँ

नौ-जवानों का क़बीला उस के पीछे चल पड़ा

मैं ने भी बच्चों को अपनी निस्बत से आज़ाद किया

मैं उस की पहचान हूँ या वो मेरी

मैं ख़ुद अपने आप से हूँ बेगाना सा

मैं इकतिशाफ़ की हिजरत बहिश्त से लाया

मैं बात करने लगा था कि लफ़्ज़ गूँगे हुए

लफ़्ज़ों की दस्तरस में मुकम्मल नहीं हूँ मैं

लफ़्ज़ जब उतरा मिरी आँखें मुनव्वर हो गईं

ख़ुद को पाया था न खोया मैं ने

कौन क़तरे में उठाता है तलातुम

जिस्म भूका है तो है रूह भी प्यासी मेरी

जानकारी खेल लफ़्ज़ों का ज़बाँ का शोर है

ग़र्क़ करता है न देता है किनारा ही मुझे

एक बच्चा ज़ेहन से पैसा कमाने की मशीन

चाँद में दरवेश है जुगनू में जोगी

बस उस की पहचान यही है

बहुत छोटा सफ़र था ज़िंदगी का

बाहर इंसानों से नफ़रत है लेकिन

बग़ैर-ए-जिस्म भी है जिस्म का एहसास ज़िंदा

अल्लाह वाला एक क़बीला मेरी निस्बत

अहमद शनास Couplets in Hindi - Read famous अहमद शनास Shayari, Couplets, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet अहमद शनास. Free Download Best Couplets, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet अहमद शनास. अहमद शनास Ghazals and Inspirational Nazams for Students.