ख़्वाब-ए-ज़ियाँ हैं उम्र का ख़्वाब हैं हासिल-ए-हयात
ख़्वाब-ए-ज़ियाँ हैं उम्र का ख़्वाब हैं हासिल-ए-हयात
इस का भी था यक़ीं मुझे वो भी मिरे गुमाँ में था
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ख़्वाब-ए-ज़ियाँ हैं उम्र का ख़्वाब हैं हासिल-ए-हयात
इस का भी था यक़ीं मुझे वो भी मिरे गुमाँ में था
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